Priyanka Verma

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लेखनी प्रतियोगिता - आजादी का मोल

आजादी का मोल



आजाद रहना किसे पसंद नही,
पिंजरे में सबका दम घुटता है,
आजादी का मोल वो पहचानते हैं,
जिन्होंने गुलामी से सबक सीखा है,


पल वो आजादी का होता है,
बहुत ही खूबसूरत,
जब पराधीनता के आकाश पर,
चमकता है स्वतंत्रता का सूरज,


तभी तो आजादी के परवाने,

हो गए भस्म, विद्रोह की ज्वाला में,

मगर जला गए लौ, फूंक गए शंख,
गुलामी से मरती, लोगों की अंतरात्मा में।।

प्रियंका वर्मा
9/8/22

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6 Comments

Wahhh Superr से भी बहुत बहुत uperr

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Abhinav ji

11-Aug-2022 11:14 AM

Very nice👍

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Punam verma

11-Aug-2022 09:41 AM

Very nice

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